ABOUT ME
Center For Education And Laity Life (Cell) सरकारी, अर्द्धसरकारी, न ही सहकारी संस्था है और यह न ही किसी राजनैतिक संगठन/संघ की कार्बन कॉपी है। Cell बिल्कुल जमीनी सोच में विश्वास रखने वाले एक समूह विशेष की व्यक्तिगत विचारधारा का मूर्त रूप है। हमारी विचारधारा किसी भी जाति, समाज, पंत, धर्म तथा इससे सम्बद्व संगठनों के विरूद्व नही है। लिहाजा काल और परिस्थितियों के निष्पक्ष विश्लेषण के लिए यह जरूरी है कि Cell के विचार एवं कार्य प्रणाली को धर्म निरपेक्षता या साम्प्रदायिकता अथवा जातिवाद का चश्मा पहनकर न देखा जाये। Cell के सूत्रधार द्वारा 7 अक्टूम्बर 2000,महाराव शेखाजी जयन्ती के उपलक्ष्य पर बागडोर संभालते समय कहा था कि ’’जिनको हम देना चाहते है उन्हें हम ही ढूढें और तलाश करे’’। हमे एक ऐसा वैचारिक तंत्र विकसित करना होगा जो प्रचार के मोह तथा महत्वाकांक्षाओं की उड़ान से मुक्त हो।
Cell राजनैतिक एवं सामाजिक-आर्थिक चुनौतियो के बीच राष्ट्र की स्व-शक्ति के आधार पर चतुर्मुखी विकास के रास्ते पर आगे बढने का एक प्रयास है। Cell का यह दावा कभी नही रहा है कि उसने सारी समस्याए हल करने का बीड़ा उठाया है तथा समाज एवं राष्ट्र हित में कुछ नया करना शेष नही है बल्कि हमारा प्रयास असीमित संभावना वाले राष्ट्र के सभी क्षेत्रों में अभी बहुत कुछ करना है।
Cell सिर्फ कागजों पर वैचारिक क्रान्ति का प्रतीक बनकर न रह जाये। अतः आप सभी के सहयोग और सम्बल की प्रबल आवश्यकता है। इस सहयोग के बिना हमारे सारे प्रयास निरर्थक है। हम सभी सहयोगियों से निवेदन करते है कि प्रतिदिन ईश्वर से प्रार्थना कीजिए कि हमारी स्थिति ऐसी नही हो कि कमियों और कमजोरियों के कारण हमें किसी का मुहँ ताकना पडे़ और याचना के लिए हाथ फेलाना पडे़। हमे राष्ट्र और समाज के विरुद्ध खड़े किये जा रहे नकारात्मक विमर्श ले विरुद्ध वैचारिक योद्वा बनने की प्रार्थना करनी है, भिक्षुक बनने की याचना नही। जब हमारा भिक्षुक मन गिड़गिडायें तो उसे दुत्कार देने की प्रार्थना भी हम ईश्वर से करते है।
। याद रखे पूर्ण सत्य किसी के पास नहीं है l